शिक्षक दिवस विशेष पर एक शिक्षक द्वारा संबोधन/अभिभाषण
आदरणीय प्रबंधक, प्रधानाचार्य महोदय और सभी सम्मानित सहयोगी शिक्षकों एवम् प्रिय विद्यार्थियों, |
आज शिक्षक दिवस के इस विशेष अवसर पर, मैं आप सभी को शुभकामनाएँ और धन्यवाद देना चाहता हूँ। यह दिन हमें हमारे कर्तव्यों की सार्थकता और महत्त्व की याद दिलाता है।
तस्वीर: साउथ दिल्ली/लोटस टेंपल | 2022 |
प्रिय बच्चों,
हमारा काम केवल पढ़ाना नहीं है, बल्कि हमें आपके जीवन के एक अहम हिस्से को आकार देना है।
हम आपकी क्षमताओं को पहचानते हैं, आपकी कमजोरियों को समझते हैं और आपको सही दिशा दिखाते हैं।
हमारा उद्देश्य है कि आप न केवल अच्छे छात्र बनें, बल्कि एक जिम्मेदार और सशक्त नागरिक भी बनें।
शिक्षक होने के नाते, हम आपकी सफलता में अपनी सफलता देखते हैं।
आपकी छोटी-छोटी उपलब्धियाँ और आपकी मेहनत हमें प्रेरित करती है।
आपकी ऊर्जा और उत्साह हमारे प्रयासों को सार्थक बनाते हैं।
आप सभी केवल विद्यार्थी नहीं, बल्कि भारत का एक सुनहरा भविष्य हैं, इस राष्ट्र और समाज के भाग्य विधाता हैं।
हमें गर्व है कि हम आपके जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव का हिस्सा हैं।
शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाते हैं। वे एक प्रसिद्ध शिक्षक और दार्शनिक होने के साथ ही स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति भी थे। उनके योगदान और शिक्षा के प्रति समर्पण को सम्मानित करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाने की शुरुआत तब हुई जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुछ छात्रों और दोस्तों ने उनके जन्मदिन को मनाने का प्रस्ताव रखा। डॉ. राधाकृष्णन ने इसे अपना व्यक्तिगत जन्मदिन मनाने के बजाय, इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के स्तंभ होते हैं और उनके सम्मान में इस दिन को समर्पित करना चाहिए।
इस शिक्षक दिवस पर, मैं सभी शिक्षकों की भी प्रशंसा करना चाहता हूँ। हमारी टीम की एकता और समर्पण ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बहुत ही प्रेरणादायक पंक्ति है - "शिक्षा का मतलब, अपने आप को पहचानना और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझना।"
शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह खुद को जानने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का भी एक तरीका है।
संकल्प - हम सभी मिलकर अपने कर्तव्यों को और बेहतर तरीके से निभाएं और शिक्षा के क्षेत्र में नया मानक स्थापित करें।
बच्चों आप सभी के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ, सभी सहयोगी साथियों को बहुत बहुत धन्यवाद आभार जय हिंद।
हमारा काम केवल पढ़ाना नहीं है, बल्कि हमें आपके जीवन के एक अहम हिस्से को आकार देना है।
हम आपकी क्षमताओं को पहचानते हैं, आपकी कमजोरियों को समझते हैं और आपको सही दिशा दिखाते हैं।
हमारा उद्देश्य है कि आप न केवल अच्छे छात्र बनें, बल्कि एक जिम्मेदार और सशक्त नागरिक भी बनें।
शिक्षक होने के नाते, हम आपकी सफलता में अपनी सफलता देखते हैं।
आपकी छोटी-छोटी उपलब्धियाँ और आपकी मेहनत हमें प्रेरित करती है।
आपकी ऊर्जा और उत्साह हमारे प्रयासों को सार्थक बनाते हैं।
आप सभी केवल विद्यार्थी नहीं, बल्कि भारत का एक सुनहरा भविष्य हैं, इस राष्ट्र और समाज के भाग्य विधाता हैं।
हमें गर्व है कि हम आपके जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव का हिस्सा हैं।
शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाते हैं। वे एक प्रसिद्ध शिक्षक और दार्शनिक होने के साथ ही स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति भी थे। उनके योगदान और शिक्षा के प्रति समर्पण को सम्मानित करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाने की शुरुआत तब हुई जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुछ छात्रों और दोस्तों ने उनके जन्मदिन को मनाने का प्रस्ताव रखा। डॉ. राधाकृष्णन ने इसे अपना व्यक्तिगत जन्मदिन मनाने के बजाय, इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के स्तंभ होते हैं और उनके सम्मान में इस दिन को समर्पित करना चाहिए।
इस शिक्षक दिवस पर, मैं सभी शिक्षकों की भी प्रशंसा करना चाहता हूँ। हमारी टीम की एकता और समर्पण ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बहुत ही प्रेरणादायक पंक्ति है - "शिक्षा का मतलब, अपने आप को पहचानना और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझना।"
शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह खुद को जानने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का भी एक तरीका है।
संकल्प - हम सभी मिलकर अपने कर्तव्यों को और बेहतर तरीके से निभाएं और शिक्षा के क्षेत्र में नया मानक स्थापित करें।
बच्चों आप सभी के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ, सभी सहयोगी साथियों को बहुत बहुत धन्यवाद आभार जय हिंद।
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