योद्धा वही, जो केवल रण जीतना नहीं, हृदय भी जीतना जाने
बजाय अल्फा मैन, आवश्यकता है कम्पलीट मैन बनने की…….
अल्फा मैन केवल शक्ति का प्रदर्शन करता है, एक कम्पलीट मैन शक्ति, प्रेम, न्याय, और ज्ञान का भी नेतृत्व करता है।
कम्पलीट मैन तो वह है जो—
भीष्म के प्रतिज्ञा-धैर्य को जानता है, हनुमान के समर्पण-बल को पहचानता है, राम के मर्यादा-पथ पर चलता है, और कृष्ण की नीति को जीवन में अपनाता है!
"परहित सरिस धर्म नहि भाई।
पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।।"
(रामचरितमानस)
जब कृष्ण बाँसुरी बजाते हैं, तो प्रेम के राग बजते हैं, जब अर्जुन को गीता सुनाते हैं, तो युद्ध में विजय के मंत्र फूटते हैं! जब रण में रथ हांकते हैं, तो वह केवल सारथी नहीं, सम्पूर्ण पुरुषार्थ के प्रतीक बन जाते हैं!
शक्ति से शत्रु पराजित होते हैं, परंतु नीति से विश्व जीता जाता है!
राम ने मर्यादा सिखाया, कृष्ण ने कर्म सिखाया,
बुद्ध ने शांति सिखाई, विवेकानंद ने स्वाभिमान सिखाया!
तो तुम कौन-सा मार्ग चुनोगे?
"कृष्ण की तरह चतुर बनो, राम की तरह मर्यादित, बुद्ध की तरह आत्मज्ञानी, अर्जुन के जैसा कर्तव्यनिष्ठ और विवेकानंद की तरह आत्मसम्मानी !"
विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीत।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीत।।"
(रामचरितमानस)
प्रेम और करुणा आवश्यक हैं, पर अन्याय के विरुद्ध कठोर होना भी उतना ही महत्वपूर्ण।
अल्फा बनकर दुनिया जीतने की कोशिश मत करो,
कम्पलीट मैन बनकर खुद को जीत लो, दुनिया तुम्हारे पीछे चलेगी!
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