समष्टिगत:विचार दूसरों की गलतियों से भी सीखें,To err is human.. Don't worry


लतियां मानव होने के बुनियादी लक्षणों में से एक है। ये कोई विकट समस्या नहीं,वरन यही तो वो सारगर्भित मूल है जिसे हम अपने अनुभव की लिस्ट में शामिल करते जाते हैं।

हालांकि अनुभव अच्छे और बुरे दोनों हो सकते हैं। परंतु बुरे अनुभव मानव मस्तिष्क भर ज्यादा देर तक ठहरते हैं,और भविष्य के लिए स्वप्रेरण का काम करते हैं,सचेत करते रहते हैं ताकि वही भूल हम दोबारा से न कर बैठे।ये जरूरी नहीं कि इंसान अपनी ही गलतियों से सीखे हम दूसरों के अनुभवों का भी भरपूर इस्तेमाल, अपने भविष्य निर्माण में कर सकते हैं।यहां एक जरुरी बात ये कि दूसरों के अनुभवों से सीखने की आदत आपको उन त्रुटियों से बचा सकती है,क्योंकि अपनी गलतियों से सीख लेने हेतु आपको पहले उन त्रुटियों से होकर गुजरना पड़ सकता है।हमने अक्सर लोगों को कहते सुना है कि मुझे सफलता नहीं मिल रही,या फिर सफलता बहुत देर से मिली और भी अनेकों प्रश्न। इन सबकी वजह साफ है हम इन कमियों को नजरअंदाज करते आये हैं और व्यर्थ में परिस्थिति या किसी और को कोसते रहते हैं।मित्रों आज से प्रण कीजिये,गलती कोई भी करे,उससे सीखना आपको भी है,ऐसा करने से न सिर्फ आप उसे दुहराने से बचेंगे बल्कि सफलता रूपी वृक्ष की छाया का सुखद अनुभव भी शीघ्र ही प्राप्त कर सकेंगे।

             ©अभिषेक एन. त्रिपाठी

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