"यदि" रुडयार्ड किपलिंग// हिंदी अनुवाद (व्याख्या सहित) अभिषेक त्रिपाठी// If poem in English written by Rudyard Kipling// Hindi translation by Abhishek Tripathi
यदि तुम उस समय भी खुद पर काबू रख सकते हो/धैर्य रख सकते हो,जब सभी लोग तुम पर दोष मढ़ रहे हो/अपनी असफलताओं का ठीकरा तुम पर फोड़ रहे हों।
यदि तुम उस समय भी खुद पर विश्वास/खुद पर भरोसा रख सकते हो जब सभी तुम्हें संदेह भरी नजरों से देख रहे हो; किंतु उनके शक को/शिकायतों को भी तवज्जो दे रहे हो।
यदि तुम प्रतीक्षा कर सकते हो और अथक प्रतीक्षा करते हो,
या झूठ का सामना करते हुए भी, झूठ से सौदा नहीं करते/झूठे नहीं बनते।
या घृणा का सामना करने पर भी, खुद उससे दूर रहते हो;
और इतना कुछ होने के बावजूद भी,अपनी अच्छाई,अपनी समझदारी का दिखावा/प्रदर्शन नहीं करते।
यदि तुम सपने देख सकते हो और बावजूद खुद को सपने का गुलाम बनने से बचा सकते हो
यदि तुम सोच सकते हो/विचार कर सकते हो,किंतु विचारों के गुलाम नहीं बनते/उसे खुद पर हावी नहीं होने देते।
यदि तुम विजय और विनाश का सामना कर सकते हो और दोनों ही स्थितियों में एक समान भाव से रहते हो।
यदि तुम खुद के बोले गए शब्दों,जिसे धूर्तों ने तोड़-मरोड़ कर मूर्खों को फंसाने के लिए पेश किया है; बर्दाश्त कर सकते हो।
या उन चीजों को, जिन्हें तुमने बनाया है, जीवन दिया है, उन्हें बिखरता देख, दुखी निराश होने के बजाय; पुनः टूटी-फूटी वस्तुओं से निर्माण करने की क्षमता रखते हो।
यदि तुम अपनी समस्त कमाई को दांव पर लगा सकते हो और सब कुछ खो कर, फिर से उन्हें पाने की कोशिश कर सकते हो; अपने खोए हुए पर खामोश रहकर,एक नई शुरुआत कर सकते हो।
यदि तुम अपनी बारी का इंतजार करते हुए,डटे रहो; जब तुम्हारा दिल,तुम्हारी नसें और तुम्हारे तंतु,हर प्रकार से खुद को झोंक सको और उस क्षण भी, जब तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है, शिवाय उस इच्छाशक्ति के, जो तुम्हें अभिप्रेरित करती है।
यदि तुम उस भीड़ से भी बात कर सकते हो और अपना वजूद,अपनी नैतिकता,अपनी विशिष्टता बनाए रखते हो।
सम्राटों का साथ होने पर भी, अपनी जड़ों को नहीं भूलते, एक आम इंसान की भांति रह सकते हो।
यदि ना तो कोई दुश्मन,ना ही कोई दोस्त तुम्हारा दिल दुखा सके,
यदि सभी तुम पर भरोसा रख सकें, किंतु दायरे में रहते हुए; तुम सभी के लिए एक जैसे रह सकते हो।
यदि तुम अपने उस एक अविस्मरणीय प्रतिकूल मिनट को, 60 सेकंड के विशाल लबालब ऊर्जा से भर सकते हो।
तो.........
यह धरती तुम्हारी है;और वह सब कुछ, जो इस संसार में,इस धरती पर है, तुम्हारा होगा,
और-इससे बढ़कर-तुम एक इंसान बनोगे, मेरे बच्चे।
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