माता, पिता और आचार्य - ये तीन स्तंभ हैं जिन पर मनुष्य के अस्तित्व का आधार टिका है।

अल्फा मैन बनाम कम्पलीट मैन : योद्धा वही, जो केवल रण जीतना नहीं, हृदय भी जीतना जाने।

मसल्स (स्नायु) तभी मज़बूत होते हैं जब उन्हें प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है।

शिक्षक दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि उस ऋषि-परंपरा के प्रति हमारी कृतज्ञता है, जिसने अंधकार से प्रकाश की ओर पथ प्रशस्त किया।

पतझड़ कहता है कि खोना भी नया पाने की भूमिका है।

इनर इंजीनियरिंग: मनुष्य के भीतर का संसार ही उसके बाहर की दुनिया को गढ़ता है।

कवि संदीप द्विवेदी की पुस्तक "रोने से कुछ होता है क्या?" समीक्षा अभिषेक त्रिपाठी अयोध्या

जीवन के कोरे कागज पर जब गुरु की कलम चलती है, तब उसमें चित्र नहीं, चरित्र उभरता है

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जब पढ़ाई में न लगे मन : चिंतन, समाधान और प्रेरणा का सम्यक संगम।

युवा: शक्ति, स्वप्न और संकल्प का अनमोल संगम

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